अंतागढ़ में 20 नक्सली आत्मसमर्पण, नक्सलमुक्ति की दिशा में बड़ा कदम

कांकेर जिले के अंतागढ़ क्षेत्र में सुरक्षा बलों के लगातार दबाव और सरकार की बेहतर पुनर्वास नीति का असर एक बार फिर देखने को मिला है, जब बर्रेबेड़ा गांव से 20 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। यह कदम स्थानीय प्रशासन और पुलिस की सक्रियता का परिणाम है, जिसमें एएसपी आशीष बंसोड और एसडीओपी शुभम तिवारी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। अधिकारियों ने नक्सलियों के साथ संवाद कर उन्हें मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित किया और पुनर्वास के बेहतर विकल्पों की जानकारी दी। कुछ दिन पहले कामतेड़ा कैंप में भी 50 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि क्षेत्र में नक्सलियों की गतिविधियों पर सुरक्षा बलों का दबाव लगातार बढ़ रहा है। ताड़ोकी पुलिस और अन्य संबंधित विभाग नक्सलियों को समाज में पुनः स्थापित करने और उन्हें अपराध से दूर रखने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस प्रकार का सामूहिक आत्मसमर्पण अंतागढ़ और आसपास के क्षेत्रों को नक्सलमुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि यह स्थानीय लोगों में सुरक्षा बलों और प्रशासन के प्रति भरोसा बढ़ाता है और क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद करता है। इसके अलावा, आत्मसमर्पित नक्सलियों के अनुभव और जानकारियों का उपयोग पुलिस कर अपराध और हिंसा को कम करने में कर रही है, जिससे यह प्रक्रिया क्षेत्र में स्थायी शांति लाने में सहायक साबित हो रही है।







