548 करोड़ की 577 किमी की 177 नई सड़कों को मिली मंजूरी, बस्तर की 181 बस्तियां इससे जुडेगी

जगदलपुर। बस्तर लोकसभा क्षेत्र के सांसद महेश कश्यप के समर्पण और निरंतर प्रयास आज एक ऐतिहासिक उपलब्धि में फलीभूत हुए हैं। भारत सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत बस्तर क्षेत्र के लिए 548.42 करोड़ की अनुमानित लागत वाले 177 सड़क निर्माण कार्यों को स्वीकृति प्रदान की है। यह स्वीकृति बस्तर क्षेत्र के समग्र विकास की दिशा में एक निर्णायक कदम है। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सांसद महेश कश्यप को प्रेषित पत्र में यह विश्वास दिलाया है कि ये सड़कें न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करेंगी, बल्कि यह सामाजिक-आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देंगी। इसके सफल कार्यान्वयन से सुनिश्चित होगा कि इन निर्माण कार्यों का लाभ क्षेत्र के लोगों को लंबी अवधि तक मिलता रहे।
सांसद महेश कश्यप ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान का हृदय से आभारी हूं। यह स्वीकृति मेरे लोकसभा क्षेत्र के सर्वोत्तम विकास की गति को बनाए रखने में सहायक सिद्ध होगी । इन सड़कों से न सिर्फ सुदूर अंचल तक आवागमन सुगम होगा, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने में भी आसानी होगी। मैं बस्तर की जनता को विश्वास दिलाता हूं कि पीएमजीएसवाई के आगामी समय में भी बस्तर को प्राथमिकता के साथ स्वीकृति मिलती रहेगी।
उन्होने बताया कि केंद्रीय मंत्री शिवराज सिँह चौहान ने राज्य प्रशासन को इन कार्यों की गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने का आश्वासन भी दिया है, ताकि विकास का यह पहिया बिना किसी रुकावट के चलता रहे । केंद्रीय ग्रामीण विकास तथा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रेषित पत्र के अनुसार, इस योजना के तहत 548.42 करोड़ की अनुमानित लागत से 177 नए सड़क निर्माण कार्यों (कुल 577.70 किलोमीटर) को स्वीकृति प्रदान की गई है । इस परियोजना का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इससे बस्तर क्षेत्र की 181 बस्तियों को बारहमासी सड़क सुविधा से जोड़ा जा सकेगा।
उन्होने कहा कि यह स्वीकृति केवल आवागमन के साधनों में वृद्धि नहीं है, बल्कि यह बस्तर के समग्र सामाजिक और आर्थिक विकास की आधारशिला है। बेहतर कनेक्टिविटी से स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा सुविधाओं तक पहुंच आसान होगी, और स्थानीय कृषि तथा वन उत्पादों को बाजार तक लाने में किसानों को अभूतपूर्व लाभ मिलेगा । यह विकास की गति को तेज करने वाला एक लाइफलाइन प्रोजेक्ट साबित होगा, जिससे बस्तर अंचल के निवासियों के जीवन स्तर में गुणात्मक सुधार आएगा।







