
जगदलपुर। बीजापुर-सुकमा बार्डर में शनिवार को नक्सलियों ने जवानों पर हमला किया था। हमले में करीब 20 जवान शहीद हो गए हैं। शहीद जवानों के शवों को अब जंगल से बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है, लेकिन नक्सलियों के दबाव के कारण जवानों के शवों को घटना स्थल से नहीं निकाला जा सका है। बताया जा रहा है कि इस पूरे इलाके को नक्सलियों ने घेरा हुआ है और हमले के 18 घंटे बाद भी मौके से जवानों के शव नहीं उठा पाएं और मौके पर बड़ी संख्या में नक्सली अभी भी मौजूद हैं। बताया जा रहा है कि जवान दो बार नक्सलियों के एंबुश में फंसे। पहली बार एंबुश में फसने के बाद जब जवान अपने साथी घायल जवानों को बाहर निकाल रहे थे तब दोबारा से नक्सलियों ने जवानों को घेरा और फिर हमला किया।
हालाँकि इस संबंध में पुलिस विभाग की ओर से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक अभी 20 शहीद जवानों के शव घटना स्थल में पड़े हुए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि शहीदों की संख्या और भी बढ़ सकती है। गौरतलब है कि 2 हजार से ज्यादा जवान जोनागुड़ा इलाके में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन के लिए गए थे। इस दौरान नक्सलियों ने जवानों को एंबुश में फसाया था। इस घटना के बाद से पुलिस विभाग की ओर से शहीद जवानों के संबंध में अधिकारिक जानकारी आई थी कि 5 जवान शहीद हुए है एवं 12 जवान घायल हुए हैं।

राजनांदगांव। डोंगरगढ़ क्षेत्र के क्रिस्टन पहाड़ के जंगलों में लगी भीषण आग लग गई। इससे लाखों के नुकसान होने की संभावना है। बता दें कि डोंगरगढ़ क्षेत्र के पहाड़ों के जंगल में आग लगने का यह तीसरा मामला है।

रायपुर। राजधानी रायपुर से लगभग 65 किलोमीटर पर ग्राम कुहरी के पास आरक्षित वन प्रखंड के सागौन के जंगल में रविवार सुबह साढ़े दस बजे भयंकर आग लग गई। इकलौता चौकीदार निरंजन खैरवार वहाँ गिरे हुए सूखे पत्तों को समेटकर आग को फैलने से रोकने की कोशिश कर रहा था। उसने बताया कि महुआ बीनने वाले लोग जंगली जानवरों के भय से आग जलाते हैं,जो जंगल में फैल जाती है। लेकिन इस संवाददाता को वहाँ महुए का कोई पेड़ नजर नहीं आया। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक आग फैलती जा रही थी।

कोंडागाँव। जिला के मर्दापाल थाने के ग्राम आदवाल इलाके में पुलिस टीम और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई। 11 मार्च को जिला बल थाना मर्दापाल एवं डीआरजी कोंडागांव की संयुक्त टीम ग्राम खड़पड़ी, आदवाल, पदनार, मंगवाल, टेकापाल इत्यादि इलाके में गश्त अभियान पर थी। इस दौरान जब पुलिस टीम गश्त करते हुए ग्राम आदवाल के टोंडाबेड़ापारा इलाके में पहुंची तो वहां पहले से नक्सली मौजूद थे। नक्सलियों ने पुलिस टीम के आने की खबर पर पहले ही घात लगाकर उन पर फायरिंग की जिसके बाद पुलिस टीम ने भी आत्मरक्षार्थ नक्सलियों पर जवाबी फायरिंग की। पुलिस टीम को हावी होता देख नक्सली मौके पर से जंगल की आड़ में भाग निकले। पुलिस टीम ने इलाके में विस्तृत सर्च अभियान चलाया व इस दौरान ग्रामीणों व अन्य स्रोतों से मिली जानकारी के अनुसार यह पता चला कि नक्सली पूर्वी बस्तर डिवीजन के थे एवं नक्सलियों का एक बड़ा नक्सल कैडर पुलिस की जवाबी फायरिंग में गम्भीर रूप से घायल हो गया है।
जानकारी मिली है कि ये नक्सली ग्राम आदवाल क्षेत्र में किसी वारदात को अंजाम देने की फिराक में आए थे। विदित हो कि माह जनवरी 2021 में भी ग्राम आदवाल क्षेत्र में नक्सलियों ने वन विभाग के लकड़ी के उत्पादों को आगजनी कर नुकसान पहुंचाया था। मुठभेड़ में पुलिस टीम के किसी जवान या किसी ग्रामीण व आमजन को कोई जान माल की हानि नहीं हुई है। फिलहाल मामले में थाना मर्दापाल में विभिन्न धाराओं में अपराध पंजीबद्ध कर लिया है। पुलिस व आईटीबीपी 41वीं वाहिनी के सुरक्षा बलों की ओर से लगातार गश्त सर्चिंग अभियान किए जा रहे हैं।

अंबिकापुर। 4 दिन से लापता युवती की जंगल में लाश मिली है। इससे क्षेत्र में हडकंप मच गया है। मृतिका का नाम शाहिना फिरदोषी बताया जा रहा है। पुलिस को सूचना मिलते ही घटना स्थल पहुंची और जाँच में जुट गई हैं। मिली जानकारी के अनुसार ग्राम जामडीह के जंगल में शनिवार को एक 19 वर्षीय युवती का शव बरामद हुआ हैं। मृतिका शाहिना फिरदोषी निवासी जामडीह जो 2 मार्च से अपने घर से लापता थी। बताया जा रहा है कि युवती के लापता होने की कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई हैं। युवती की मौत के पीछे का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो सका हैं। पुलिस मर्ग कायम कर जाँच शुरू कर दी हैं।


रायपुर। भारत में आसानी से मिलने वाला फल अमरूद बेहद ही गुणकारी फल है। जी हां पाश्चात्य विद्वानों की माने तो यह अमेरिका से पुर्तगीज लोगों द्वारा लाया गया है। अमरूद का पेड़ भारत वर्ष के कई स्थानों पर जंगलों में होता है। लेकिन सच यह है कि जंगली आम, केला आदि प्राचीन काल से हमारे यहाँ हो रही है।
अमरूद के फायदे : आयुर्वेद में अमरूद के कई फायदे बताए हैं। अमरूद में माताओं में दूध बढ़ाने वाले, मल को रोकने वाले, पौरुष बढ़ाने वाले, शुक्राणु बढ़ाने वाले और मस्तिष्क को सबल करने वाले होते हैं। अमरूद का औषधीय गुण प्यास को शांत करता है, हृदय को बल देता है, कृमियों का नाश करता है, उल्टी रोकता है, पेट साफ करता है और कफ निकालता है। मुँह में छाले होने पर, मस्तिष्क एवं किडनी के संक्रमण, बुखार, मानसिक रोगों तथा मिर्गी आदि में इनका सेवन लाभप्रद होता है।

कवर्धा। विकासखंड पंडरिया पश्चिम रेंज आदिवासी अंचल ग्राम पंचायत कुई बिट,बांगर,कांदावानी,पंडरीपानी,आगरपानी,भेलकी क्षेत्र में सागौन सहित इमारती पेड़ों की अवैध कटाई जोरों पर है। कुई कुकदुर के आगे जंगल में पहाड़ी तक सागौन के पेड़ों की अवैध कटाई की जा रही है। इनके टूट अभी भी मौजूद हैं,जिन पर वन विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
जंगल का अस्तित्व खतरे में पड़ता जा रहा है। दस साल पहले यह इलाका काफी हरा-भरा रहता था लेकिन अवैध कटाई के चलते अब यह जंगल सपाट मैदान में तब्दील होते जा रहा है। वनों की सुरक्षा के लिए नियुक्त विभाग के आधे से अधिक कर्मचारी अपना फील्ड छोड़ मुख्यालय में रहते हैं। कार्य क्षेत्र से नदारद रहने का फायदा लकड़ी तस्कर उठाते हैं।
वर्जन कुई क्षेत्र में वनों की अवैध कटाई हो रही है ऐसी शिकायत नहीं मिली है। हमारे अधिकारी कर्मचारी लगातार दौरा करते हैं। यदि अवैध कटाई हुई है तो दिखवाता हूं।
एनपी देशलहरा, एसडीओ वन विभाग पंडरिया


बालोद/रायपुर। जंगल में दो युवक-युवती की लाश मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई है। दरअसल गुरुर थाना क्षेत्र के ग्राम चूल्हापथरा के जंगल में दो युवक-युवती की लाश मिली है। इसकी पुलिस जांच कर रही है। मिली जानकारी के मुताबिक ग्राम चूल्हापथरा के जंगल में सोमवार सुबह ग्रामीणों ने युवक-युवती की लाश पेड़ पर लटकी देखी। लाश पूरी तरह सड़ चुकी थी। आशंका जताया जा रहा है कि करीब एक सप्ताह पुराना हो सकता है। फिलहाल पुलिस घटना की जांच कर रही है।

धमतरी। हाथियों के दल ने आधा दर्जन गांव के लोगों की नींद उड़ा रखी है, एक तो दहशत और दूसरा रातभर बिजली बन्द रहने के कारण ग्रामीण ठीक से सो तक नहीं पा रहे हैं। चंदा हाथी दल ने गंगरेल में उत्पात मचाने के बाद कसावाही के जंगल की ओर वापस रुख किया है। बस्ती की ओर हाथी न आए इसके लिए वन विभाग ने जगह-जगह अलाव जलावाए है, गज वाहन तैनात है। आज क्षेत्र में जाने पर रास्ते में दिखे हाथियों के मल ने उनकी आसपास मौजूदगी का अहसास कराया, इधर ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। बाड़ी में लगे केले-पपीते के पेड़ों को काटकर फेंक दिया गया है ताकि उनकी सुंगध से हाथी बस्ती की ओर न आए। वन विभाग ने दुर्घटना से बचाव के लिए कसावाही, खिड़कीटोला, विश्रामपुर, तुमराबहार आदि गांवों में बिजली बंद की है,जिससे ग्रामीण परेशान है। अब इस समस्या के निजात के लिए हाथियों के एक्सपर्ट में पहुंचने का इंतजार है। कई ग्रामीणों की फसल, मोटरपंप, बाड़ी आदि को हाथी नुकसान पहुंचा चुके है। गांवों में शाम से कर्फ्यू का नजारा रहता है। ग्रामीणों की मांग है कि समस्या दूर करने वन विभाग को एक्सपर्ट बुलाकर समस्या का ठोस समाधान करना चाहिए।