
कोलकाता/रायपुर। बंगाल में चुनाव जैसे-जैसे करीब आता जा रहा है वहां के राजनीतिक समीकरण तेजी से बनते बिगड़ते जा रहे हैं। मुस्लिम मतदाता वहां हमेशा से की फैक्टर रहे हैं। इस बार भी वे किंग मेकर की अपनी भूमिका निभाने पर ही खुले हुए हैं। मुस्लिम मतदाता ममता के साथ था और ममता के इस वोट बैंक में सेंध लगाने एआईएमएम के ओवैसी वहां पहुंचे थे। और अब मशहूर फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्धकी ने नई पार्टी का ऐलान कर ममता की चिंता और बढ़ा दी है। उनका मुस्लिमों में बड़ा प्रभाव है और वे भी ममता के वोट बैंक में सेंध मार सकते हैं। अब देखना यह है कि ममता ओवैसी के साथ-साथ पीरजादा के भी मैदान में आने से डैमेज कैसे कंट्रोल करती है। हालांकि पीरजादा ने साफ कर दिया है कि अभी वह कोई तालमेल किसी से नहीं कर रहे हैं लेकिन वे यह कहने से भी नहीं चूके कि जब फ्रंट बनेगा तब देखा जाएगा। एक तरफ बीजेपी का लगातार आक्रमक होना। दूसरी तरफ पार्टी के अंदर में ही संतोष और चुनौतियों का सामने आना और तीसरी तरफ मुस्लिम वोट बैंक पर विरोधियों की नजर कुल मिलाकर देखा जाए तो ममता की मुसीबत बढ़ती ही नजर आ रही है।