



रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने विश्व आदिवासी दिवस पर सभी सामाजिक वरिष्ठजनों को सादर प्रणाम करते हुए, प्रत्येक को अपनी ओर से शुभकामनाएं दी हैं। डॉ. महंत ने कहा है कि,आदिवासी समाज हमारी संस्कृति का अहम हिस्सा है। आदिवासी प्रकृति पूजक होते हैं, वे प्रकृति में पाए जाने वाले सभी जीव, जंतु, पर्वत, नदियां, नाले, खेत इन सभी की पूजा करते हैं। आदिवासियों का मानना होता है कि, प्रकृति की हर एक वस्तु में जीवन होता है। आदिवासियों को उनका हक और सम्मान दिलाने, उनकी समस्याओं के निराकरण करने, भाषा, संस्कृति और इतिहास के संरक्षण के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने 9 अगस्त 1994 को विश्व आदिवासी दिवस मनाने का निर्णय लिया। तब से दुनिया में विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है। डॉ. महंत ने कहा है कि, छत्तीसगढ़ जनजाति बाहुल्य प्रदेश है। यहां की जनजातीय कला और संस्कृति अनमोल है। राज्य की कुल आबादी का लगभग 32 प्रतिशत हिस्सा आदिवासी समाज का है। आदिवासी शब्द दो शब्दों आदि और वासी से मिलकर बना है। इसका मूल अर्थ मूल निवासी होता है। आदिवासी समुदाय का जीवन जल, जंगल, जमीन से जुड़ा है। आदिवासी समाज समय के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहा है। आदिवासी समाज आज हर क्षेत्र शिक्षा, ज्ञान-विज्ञान, कला-संस्कृति में तेजी से तरक्की कर रहा है। देश-प्रदेश के विकास में आदिवासी समाज की भागीदारी पहले से बढ़ी है।


रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत ने चिकित्सक दिवस पर सभी चिकित्सकों को बधाई और शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा है कि भारत में हर साल 1 जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाया जाता है। यह दिन डॉक्टरों को साल भर उनकी अथक सेवा के लिए सम्मानित करता है। कोरोना वायरस महामारी के वर्तमान काल समय में, समूचे विश्व ने पहले से कहीं अधिक डॉक्टरों के महत्व को महसूस किया और समझा है। डॉ.महंत ने कहा कि भारत रत्न महान चिकित्सक, पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री रहे डॉ. बिधानचंद्र रॉय की जन्म और पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष 1 जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाया जाता है। नई और नवीन तकनीकों के साथ भी यह दिन उन सभी के प्रति आभार प्रकट करता है, जिन्होंने निस्वार्थ भाव से हमारी जरूरत के समय में सहायता की है। इन आदर्शों के सबसे बड़े प्रतिनिधि की सराहना करते हुए अपने रोगियों के स्वास्थ्य के लिए अथक प्रयास किया है।

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत अपनी धर्मपत्नी ज्योत्सना महंत, सासंद कोरबा लोकसभा के साथ, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की शोकसभा सभा में शामिल हुए। उन्होंने दिवंगत अजीत जोगी के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। शोकसभा में उपस्थित पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पत्नी रेणु जोगी, पुत्र अमित जोगी से भेंट कर अपनी ओर से संवदेनाएं प्रकट की। विधानसभा अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत ने कहा कि आत्मा अमर है। अजीत जोगी की पहचान एक संघर्षशील व्यक्तित्व के रूप में रही है, वे हम सबके बीच से पूरे संघर्षो के साथ पूरे सम्मान के साथ गए हैं। मैं इस बात को जानता हूं कि जोगी के तीन पितृ पुरूष रहे हैं प्रभु यीशु, कबीर साहेब, बाबा गुरूघासीदास। इन तीनों गुरूओं ने हमें सिखाया है कि, प्रेम ही यीशु है, "लव इज गॉड" और इन्हें मानते हुए ही प्रदेश में गरीबों, अमीरों को प्यार दिया और आज की उपस्थिति इस बात को साबित करती है। डॉ. महंत ने ईश्वर से प्रार्थना की कि अजीत जोगी की आत्मा को ईश्वर अपने श्रीचरणों में लीन करें, समाहित करें, चिरशांति प्रदान करें। उनके परिजनों को और समस्त उनके चाहने वालों को संबल प्रदान करें। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की शोकसभा में डॉ. चरणदास महंत के साथ छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी उपाध्यक्ष पूर्व विधायक गुरुमुख सिंह होरा, पूर्व विधायक राजकमल सिंघानिया, वरिष्ठ कांग्रेसी सुभाष धुप्पड़, ओएसडी अमित पांडेय, पीसीसी प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी, युवक कांग्रेस प्रदेश सचिव अजहर रहमान ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की।


रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। डॉ. महंत ने कहा कि अजीत जोगी ने कुशल प्रशासकीय अधिकारी, राजनेता, सांसद, मुख्यमंत्री के रूप में पूरे देश में अपनी अलग पहचान बनाई। वे जनता से जुड़े ऐसे जमीनी नेता थे, जिन्होंने छत्तीसगढ़ प्रदेश निर्माण के बाद प्रदेश के किसानों और मजदूरों की आवाज लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा में प्रमुखता से उठाते रहे हैं। वह गरीबों के मसीहा थे। अजीत जोगी की सिर्फ राजनीति ही नहीं साहित्य में भी गहरी रुचि थी। वह दृढ़ इच्छाशक्ति के धनी थे। अपने राजनीतिक जीवन में आए उतार-चढ़ाव से वे कभी विचलित नहीं हुए। डॉ. महंत ने कहा कि,अजीत जोगी का निधन देश और प्रदेश के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए शोक संतृप्त परिजनों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं।


कोरिया। कोरोना वायरस के दौरान जहां इस समय संकट की स्थिति है और क्षेत्र में कई जरूरतमंद हितग्राही बीमारी एवं अन्य कारणों से काफी परेशान हैं। ऐसे लोगों की मदद के लिए बरसते पानी मे विधायक गुलाब कमरो लोगों की मदद के लिए पहुंचे और जरूरतमंद हितग्रहियों को सहायता राशि का चेक वितरण किया। इस सम्बंध में मिली जानकारी अनुसार विधायक गुलाब कमरो की अनुशंसा से छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने विभिन्न समूहों व मरीजों के ईलाज के लिए आर्थिक सहायता स्वेच्छा अनुदान के तहत मिली स्वीकृति बाद सोनहत क्षेत्र के हितग्राहियों को लगभग 5 लाख का चेक वितरण किया।
समूहों को भी किया चेक वितरण :
स्वेच्छानुदान अंतरगत कई समूहों को सहायता राशि चेक वितरण विधायक कमरो के द्वारा किया गया। इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य ज्योत्स्ना पुष्पेंद्र राजवाड़े विधायक जिला प्रतिनिधि रंजीत सिंह एवं विधान सभा प्रतिनिधि राजन पाण्डेय भी उपस्थित रहे। विधायक गुलाब कमरो ने जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर स्थित घड़ी चौक में मुस्तैदी से सेवा दे रहे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पंकज शुक्ला, नगर निरीक्षक विमलेश दुबे सहित सभी पुलिसकर्मियों व मीडिया कर्मियों को सेनेटाइजर वितरण कर उनकी हौसला अफजाई की।

कोरबा। 71 वें गणतंत्र दिवस का मुख्य समारोह ट्रांसपोर्ट नगर के प्रिय दर्शनीय इंदिरा स्टेडियम में बडे ही धूमधाम के साथ मनाया गया। छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने मुख्य समारोह में ध्वजारोहण कर परेड की सलामी ली, उसके बाद मुख्यमंत्री के नाम संदेश का वाचन किया, देश, प्रदेश और जिला वासियो को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाये दी। विधानसभा अध्यक्ष डॉ महंत ने जिले के शहीद जवानों के परिजनों को शाल श्री फल देकर सम्मान किया। स्कूली बच्चो ने पी टी, देशभक्ति कार्यक्रम की प्रस्तुति दी, विभिन्न विभागों की आकर्षक झांकीयां निकाली गई। विधानसभा अध्यक्ष ने गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल सांस्कृतिक दलो को 21-21 हज़ार रुपए प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा भी की। उत्कृष्ट कार्य के लिए पुलिस जवान और अधिकारी और कर्मचारियों को मेडल और प्रसासनीय पत्र देकर सम्मानित किया गया। परेड में पहला स्थान महिला पुलिस बल, दूसरा शस्त्र बल, तीसरा सी जी सी आई एस एफ, सांस्कृतिक कार्यकम में एक लव्य छुरी को प्रथम पुरुस्कार, दूसरा निर्मला स्कूल, तीसरा कोरबी धतूरा को मिला। झांकी में स्वास्थ्य विभाग प्रथम, शिक्षा विभाग को दूसरा पुरुस्कार, तीसरा वन विभाग को पुरस्कार मिला।