
रायपुर। कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा है कि भाजपा नेता भूपेश सरकार पर झूठा आरोप लगा रहे हैं। यदि किसान आत्महत्या की बात है तो रमन सरकार के आखरी साल में प्रदेश में 800 से अधिक किसानों ने आत्महत्या की। किसानों की दुर्दशा करने वाली भाजपा आज किसानों के नाम पर घड़ियाली आंसू बहा रही है। किसानों की इतनी ही चिंता है तो रमन सिंह सहित तमाम भाजपा नेता आंदोनरत किसानों का समर्थन करें।


रायपुर। भाजपा जिला अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस बजट को देखकर लगता है कि भूपेश सरकार अपने जन घोषणापत्र में जनता से किए वादे को भूल गई है। उन्होंने शहर की जनता से संपत्ति कर आधा करने की घोषणा की थी परंतु अपने तीसरे बजट में भी उन्होंने इस विषय पर कोई प्रावधान नही किया है। सुंदरानी ने कहा कि सरकार ने नगरी प्रशासन के बजट में कमी कर दी है,जिससे शहरों में मूलभूत सुविधाओं के विस्तार में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा शासन में बने अंतर राज्ययीय बस स्टैंड प्रारंभ होने के लिए किसी प्रकार की घोषणा का इंतजार था,जिसे भूपेश सरकार ने पूरा न कर शहरी जनता को ठगने का कार्य किया है। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में दिव्यांगों के जनप्रतिनिधित्व को बढ़ावा देने के लिए नगरी निकाय में उन्हें मनोनीत करने की घोषणा की थी। परंतु इस वर्ष भी बजट में इसकी घोषणा ना कर उन्होंने दिव्यांगों का अपमान किया है।

रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने ट्वीट कर राज्य सरकार पर निशाना साधा है। रमन सिंह ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर निजीकरण पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है। रमन सिंह ने ट्वीट कर कहा कि भूपेश बघेल सरकार के खाने के दांत अलग है और दिखाने के अलग। डॉ. रमन सिंह ने ट्वीट में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के निजीकरण को लेकर अखबार में छपी खबर को अटैच करते हुए कहा कि एक तरफ तो यह सरकार नगरनार प्लांट के निजीकरण का विरोध कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल को निजी हाथों में देने की तैयारी में है। कांग्रेस सरकार का यह कैसा दोहरा मापदंड है?

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस कमेटी संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने चिटफंड कंपनी के मामले में भाजपा नेताओं की बयानबाजी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि भाजपा अपनी 15 साल की सरकार के कार्य पर नजर डाल लें। शैलेश ने भाजपा पर फर्जी चिटफंड कंपनियों को 15 साल तक संरक्षण देने और जनता के धन की लूट के लिए प्रोत्साहित करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार चिटफंड कंपनी निवेशकों और अभिकर्ताओं के पैसे वापस दिलाने के लिए लगातार काम कर रही है। राज्य सरकार पूरी तत्परता से कार्यवाही कर रही है। चिटफंड कंपनियों की संपत्तियों को कुर्क करते हुए 17 हजार निवेशकों को 7 करोड़ रुपए की राशि वापस भी दी जा चुकी है। भूपेश बघेल की सरकार चिटफंड निवेशकों का पैसा दिलाने के लिए उसी तत्परता से काम कर रही है, जिस तत्परता से रमन सिंह की सरकार ने इन लूटेरों का साथ दिया।

रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह के सवालों का प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि भूपेश सरकार में भ्रष्टाचार,कमीशनखोरी और ठगी का कोई स्थान नहीं है। प्रदेश में भ्रष्टाचार, ठगी, कमीशनखोरी की जन्मदाता भाजपा की रमन सरकार है। पिछले 15 वर्षों में अफसरशाही,भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी के कारण सरकारी विभागों में ठगी के अनेकों प्रकरण दर्ज हैं। रमन सरकार की खुली छूट के कारण भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी, ठगी की जड़ें मजबूत हो गई हैं।
इसे उखाड़ फेंकने में समय लगेगा। प्रदेश में मुद्दों से जूझती भाजपा नित नये झूठे बेबुनियाद आरोप लगाकर सरकार को बदनाम करने नाकाम कोशिशें कर रही हैं। भाजपा रमन सरकार में भ्रष्टाचार और ठगी के प्रमुख बिंदु को रमन सिंह याद करते,जब करोड़ों का नान घोटाला कर गरीबों का अनाज छीन लिया गया। राज्य सरकार के संरक्षण में नागरिक आपूर्ति निगम में36 हजार करोड़ रुपए का आर्थिक भ्रष्टाचार व घोटाला किया गया। गरीबों के राशन में डाका डाला गया, गरीब परिवार को मिलने वाले 35 किलो चावल को 7 किलो प्रति व्यक्ति कर दिया गया। इसके कारण गरीबों को परिवार का पेट पालने में परेशानी हुई। स्मार्ट कार्ड का घोटाला कर स्मार्ट कार्ड के माध्यम से गरीबों को निजी अस्पतालों में इलाज के नाम से किडनी निकाल ली गई। गलत इलाज के नाम से स्मार्ट कार्ड से पैसे हड़पे गए, रमन सरकार में घोटालेबाजों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई।

दुर्ग। प्रदेश गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने धान खरीदी के मुद्दे पर विपक्ष को आड़े हाथों लिया। साहू ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा धान नीलामी करने के फैसले को सही बताते हुए कहा कि इस नीलामी से किसानों का कहीं अहित नहीं होगा। बल्कि सरकार किसानों को धान खरीद कर उनका हक दे चुकी है और अब नीलामी करके सरकार धान को नीलामी करेगी।
इसमें कहीं भी किसी का अहित नहीं हो रहा है। उन्होंने भाजपाइयों द्वारा इस फैसले को गलत बताने के जवाब में कहा कि यह फैसला पूरी तरीके से सही है और सरकार अब उसे खरीद चुकी है,जो कि सरकार की प्रॉपर्टी है और भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है तब इस तरीके के अनाप-शनाप आरोप छत्तीसगढ़ सरकार पर लगा रही है। गृह मंत्री ने यह भी कहा कि अब जबकि छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार का धान खरीदी का मॉडल दूसरे प्रदेशों में अपनाया जा रहा है तब भाजपा द्वारा या आरोप लगाना की छत्तीसगढ़ सरकार काम नहीं कर रही है सरासर गलत है बल्कि उन्होंने यह भी कहा कि पूरा देश में केंद्र सरकार द्वारा एक देश एक व्यापार की नीति लागू कर दी जाए,जिससे कि पूरा मामला ही समाप्त हो जाएगा। किंतु ऐसा होगा नहीं उन्होंने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार इतना अच्छा कार्य कर रही कि जिसका प्रदेश के साथ पूरे देश में नाम लिया जा रहा है, जो कि भाजपाइयों को रास नहीं आ रहा है।

महासमुंद/रायपुर। शासन की ओर से सभी वर्गों के हितों के लिए अनेक प्रकार की जनकल्याणकारी योजनाएं लाई जा रही है, ताकि वे योजनाओं का लाभ लेकर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकें। जिले के हजारों नागरिक भी किसी न किसी प्रकार से लाभ उठानें में पीछे नहीं है। उन्हें जागरूक रहकर दृढ़ संकल्प के साथ मेहनत करने की जरूरत है। जिला मुख्यालय महामसुन्द के वार्ड क्रमांक 22, सुभाष नगर के 27 वर्षीय कान्हा निर्मलकर कच्चा नारियल पानी व जूस सेंटर का व्यवसाय करने वाले एक साधारण से व्यवसाई हैं। इसके माध्यम से अपने घर के चार सदस्यों का जीवन-यापन करते हैं। उन्हें कहीं से दीनदयाल अन्त्योदय योजना, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के बारे में जानकारी मिली। तब वे नगर पालिका परिषद महामसुन्द पहुंचकर इस योजना के बारे में जानकारी ली। इस संबंध में वहां के अधिकारियों ने इस येाजना के बारे में उन्हें विस्तार पूर्वक बताया। इससे वे प्रेरित होकर अपने व्यवसाय में अधिक मुनाफा कमाने के लिए ऋण प्राप्त करने के लिए आवेदन फाॅर्म भरा। इससे उन्हें कुछ दिनों में इण्डियन बैंक महामसुन्द से 80 हजार रुपए का ऋण कम ब्याज की दर से मिला। इससे वे अपने ठेले में नारियल का व्यवसाय का विस्तार किया और अपने एक भाई के लिए भी अलग से ठेला लगाकर नारियल पानी के व्यवसाय में उसे जोड़ा। इसके अलावा वे छोटा सा गोदाम भी लिया है, जिसमें वे अपने नारियल के स्टाॅक माल को वहीं रखते हैं। ठेले के माध्यम से वे प्रतिदिन 2 हजार से 2.50 हजार रुपए प्रतिदिन नारियल पानी बेचते हैं, जिससे उन्हें 500 से 600 रुपए की आमदनी प्राप्त होती है। ठससे उनके जीवन में एक नया बदलाव आया है। उन्होंने बताया कि बैंक के माध्यम से जो ऋण दिया गया था। उसका 6 किस्त भी जमा बैंक में जमा हो चुका है। इसके अलावा वे नगद कैश लेनदेन के साथ-साथ डिजीटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए गूगल पे, फोन पे की सुविधा ग्राहकों को उपलब्ध करा रहे हैं।

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर छत्तीसगढ़ में इस साल किसानों से खरीदे गए धान को सुरक्षित रखने के लिए नई व्यवस्था की गई है। सभी जिलों में कुल 7606 चबूतरों का निर्माण किया गया है। राज्य शासन ने समर्थन मूल्य पर इस साल रिकॉर्ड 93 लाख मीटरिक टन से अधिक की धान खरीदी की है। छत्तीसगढ़ के अलग राज्य बनने के बाद से किसानों से यह सर्वाधिक धान की खरीदी है। इतनी बड़ी मात्रा में खरीदे गए धान को सुरक्षित रखना भी बड़ी चुनौती है। धान संग्रहण केंद्रों में इस साल बड़ी संख्या में बनाए गए पक्के चबूतरों से इन्हें सुरक्षित रखने में भरपूर मदद मिल रही है। प्रत्येक चबूतरे पर तीन-तीन हजार बोरियां रखी जा सकती हैं। संग्रहण केन्द्रों में जरूरत के मुताबिक खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के मानकों के अनुरूप इसके लिए 10.6 मीटर लंबाई और साढ़े सात मीटर चौड़ाई के चबूतरे बनाए गए हैं। दो-दो लाख रुपए की लागत से बनाए गए इन चबूतरों में भविष्य में शेड लगाने के लिए आठ पेडेस्टल के साथ बोल्ट और प्लेट का भी प्रावधान किया गया है।
चबूतरों में आरसीसी फर्श के नीचे रेत की भराई व चूहे से बचाव के लिए चारों तरफ छज्जे भी बनाए गए हैं। धान को सुरक्षित रखने के लिए बालोद जिले के विभिन्न संग्रहण केंद्रों में कुल 378, बलौदाबाजार-भाटापारा में 597, बलरामपुर-रामानुजगंज में 85, बस्तर में 221, बेमेतरा में 430, बीजापुर में 123, बिलासपुर में 380, दंतेवाड़ा में 22, धमतरी में 333, दुर्ग में 132, गरियाबंद में 254, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 60, जांजगीर-चांपा में 711, जशपुर में 47, कांकेर में 363, कबीरधाम में 269, कोंडागांव में 114, कोरबा में 157, कोरिया में 76, महासमुंद में 488, मुंगेली में 351, नारायणपुर में 32, रायगढ़ में 469, रायपुर में 786, राजनांदगांव में 465, सुकमा में 66, सूरजपुर में 118 और सरगुजा में 79 पक्के चबूतरों का निर्माण किया गया है।

रायपुर/महासमुन्द। सबका सपना होता है उनके पास अपना आशियाना हो,क्योकि अपना तो अपना ही होता है, जिसमें अपनी यादें, एहसास जुड़े होते है। कई लोग सरकारी ज़मीन पर अतिक्रमण कर अपनी ज़रूरत के मुताबिक़ मकान बना लेते है। लेकिन उन्हें हर वक्त मकान टूटने का ख़तरा सताता रहता है। इस भय से उन्हें रात को नीद भी नही आती पता नही कब सरकारी मशीनें उनका मकान ढहाने जायें। लेकिन राज्य शासन ने उनकी चिंता को दूर करने योजना बनाई। राज्य शासन द्वारा नगरीय क्षेत्रों में 7500 वर्ग फीट तक की शासकीय भूमि का आवंटन तथा अतिक्रमित 7500 वर्ग फीट तक की शासकीय भूमि के व्यवस्थापन का अधिकार जिला कलेक्टर को प्रदान किया गया है। प्रेमशीला श्याम सुंदर तिवारी देहानिभाठा बागबाहरा के निवासी ने शासन के नए प्रावधानों का लाभ लेते हुए अपने द्वारा किये अतिक्रमण को नियमितीकरण करने के लिए राशि 4,58 417 रुपए चालान के माध्यम से जमा कर अपने भूस्वामित्व अधिकार प्राप्त किया है। अतिक्रमणकारी से भू स्वामी बनने वाले श्यामसुंदर तिवारी ने बताया कि आज मुझे बड़े सुकून से नींद आएगी। अब हम इस जमीन के वास्तविक स्वामी बन गए। अब तब हमने इस घर को कोई नाम नही दिया था क्योंकि यह जमीन शासकीय था और हमें जमीन पर कोई हक़ नही था। हमारा बहुत सारा पैसा घर बनाने में लग गया था पर आज इस योजना के कारण अब इस घर को तिवारी निवास नाम देंगे और हक़ से घर मे रहेंगे।महासमुंद मुख्यालय में भी तीन लोगों ने 25 लाख रुपए जमा कर इस योजना का लाभ उठा कर चिन्ता मुक्त हुए है। राज्य शासन द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार यदि कोई व्यक्ति नगरीय क्षेत्र में स्थित अतिक्रमित शासकीय भूमि के व्यवस्थापन के समय राज्य शासन से भूमि स्वामी हक में भूमि प्राप्त करना चाहता है तो भूमि आवंटन के समय संबंधित व्यक्ति को निर्धारित गाइड लाइन अनुसार राशि जमा कर अतिक्रमण भूमि के विस्थापन योजना का लाभ उठा सकता है। बागबाहरा नगर में छत्तीसगढ़ शासन के अतिक्रमण भूमि के विस्थापन योजना का पहला मामला है। अब इनके पक्ष में शासन उक्त जमीन रजिस्ट्री कराएगी और इस पर तिवारी परिवार चाहे तो लोन ले सकता है, डायवर्सन करवा सकते है,बटवारा कर सकते है, बिक्री कर सकते है तथा वो सभी अधिकारो का प्रयोग कर सकते है जो एक लगानी भूस्वामी को प्राप्त होते है।
भूस्वामित्व प्रदाय कराने वाली इस योजना को कलेक्टर डोमेन सिंह के प्रयास और प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व तहसील और नगर पालिका कार्यालय द्वारा इस योजना पर तेज़ी से काम हो रहा है।

