
रायपुर। एकबार बना लिए तो बार-बार बनाएंगे मटर भभरा। ये जल्दी बनने वाला नाश्ता है। इसे सुबह हो या शाम आप बना सकते हैं। ये सबको खूब पसंद अत है।
सामग्री :
2/3 कप हरे मटर
2 कप बेसन
1/2 कप प्याज , बारीक काटा हुआ
1 बड़ा चमच्च हरी मिर्च , बारीक काटी हुई
1 छोटा चमच्च अदरक , कद्दूकस
1 छोटा चमच्च गरम मसाला पाउडर
1/2 छोटा चमच्च काली मिर्च पाउडर
1 छोटा चमच्च जीरा पाउडर
1 छोटा चमच्च धनिया पाउडर
1 छोटा चमच्च लाल मिर्च पाउडर
नमक , स्वादानुसार
तेल , प्रयोग अनुसार
विधि :
-बिहारी हरे मटर का भरभरा बनाने के लिए सबसे पहले बाउल मे बेसन, प्याज, हरीमिर्च, अदरक, गरम मसाला, कालीमिर्च पाउडर, जीरा पाउडर, धनिया पाउडर, लालमिर्च पाउडर, और नमक डालकर आवश्यकतानुसार पानी मिलाकर घोल ले.
-इस मिश्रण को थोड़ा गाढा रखे। तवे पर फैल जाए ऐसा रखे।
-नोन स्टीक तवा गैस पर गरम करने रखे। मिश्रण को तवे पर फैलाए। ध्यान दे की जो तवा पुरी तरह से गरम नहीं होगा तो भभरा तवे पर चिपक जाएगा ।
-भभरा को तवे पर फैलाकर आंच धीमी कर दे।
-धीमी आँच पर भभरा को तेल डालकर दोनो तरफ से ब्राउन कलर आने तक सेक ले। दोनों तरफ से पकाए और परोसे।
-बिहारी हरे मटर का भरभरा को आप धनिया पुदीना चटनी और मसाला चाय के साथ परोसे।

रायपुर। चेहरे को सुन्दर बनाने के लिए ऑयल भी फायदेमंद है। अपने ब्यूटी रूटीन में ऑयल को जरूर शामिल करें। स्किन को डेटोक्सीफाई करने को आयुर्वेदिक तरीका है। आमतौर पर ऑयल का इस्तेमान तनाव को दूर करने और त्वचा संबंधी संक्रमण को दूर करने के लिए किया जाता है। ऑयल कैमिकल फ्री होता है, जो त्वचा को सुरक्षित और मुलायम बनाते हैं। हेल्दी और शाइनी स्किन के लिए जैस्मिन, रोज, सेसमे और लैवेंडर ऑयल का इस्तेमाल करना चाहिए। इनमें एंटी-फंगल और एंटी बैक्टिरल प्रॉपर्टीज होती हैं।

रायपुर/नई दिल्ली। अक्सर हम सुंदरता में अपनी अपर बॉडी पर ज्यादा ध्यान देते हैं, लेकिन हम अपने पैरों की अनदेखी करते हैं। इसकी वजह से हमें पैरों से आने वाली दुर्गंध का सामना करना पड़ता है। हालांकि इसे दूर करने के लिए लोग कई तरह के डियो और परफ्यूम इस्तेमाल करते हैं, लेकिन ये कोई कारगर उपाय नहीं हैं। अगर आप चाहें तो कुछ घरेलू उपायों के बूते आप अपने पैरों से आने वाली दुर्गंध को दूर कर सकते हैं।
चाय से करें दुर्गंध को दूर :
चाय में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो संक्रमण से बचाव करते हैं। इनका इस्तेमाल पैरों से आने वाली दुर्गंध को दूर करने के लिए किया जा सकता है। इसके लिए एक गिलास पानी में दो-तीन टी बैग डाल लें। फिर इस पानी को कुछ देर उबालें। जब ये ठंडा हो जाए तो इस पानी को टब में डालें और इसमें थोड़ा सादा पानी मिलाकर इस पानी में अपने पैरों को कुछ देर के लिए डुबा दें। आपके पैरों की दुर्गंध दूर हो जाएगी।
मोजे-जूतों में न रहे नमी :
कई बार आपके जूते-मोजे गीले हो जाते हैं या फिर मौसम खराब होने की वजह से जूते में नमी आ जाती है और इसकी वजह से इनमें बदबू आने लगती है। ऐसे में आप अपने जूतों को हेयर ड्रायर से सुखा कर ही पहनें। ताकि इनमें नमी न रहे और इनसे बदबू भी न आए।
रोज मोजे धोकर ही पहनें :
अक्सर लोग ये गलती करते हैं कि समय न मिलने के चक्कर में एक ही मोजा बिना धोए पहनते रहते हैं। इसकी वजह से इनमें दुर्गंध आ जाती है और हमेशा के लिए बनी रहती है। इसके अलावा उसमें बैक्टीरिया भी पनपने लगते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप रोज धोकर ही इनका इस्तेमाल करें या फिर अपने मोजों को रोज बदलें।
नमक के पानी में भिगोएं पैर :
एक बर्तन में पानी गुनगुना कर लें और इसमें थोड़ा सा नमक मिला लें। फिर इस पानी में कुछ देर अपने पैरों को भिगो कर रखें। आपके पैरों से दुर्गंध चली जाएगी और आपके पैरों की नमी भी बनी रहेगी।

रायपुर/नई दिल्ली। गर्दन और कोहनियों में कालापन आ जाए तो आसानी से साफ नहीं होता है। गोरे चेहरे के साथ काली गर्दन देखने में काफी भद्दी लगती है। अगर आपके साथ भी ऐसी कोई समस्या है तो जानिए ऐसे घरेलू उपाय जो चंद मिनटों में इस समस्या से छुटकारा दिलाने में मददगार रहेंगे।
1. आधे नींबू को काटकर उसमें नमक डालें और कोहनी और गर्दन में अच्छे से रगड़ें। दस मिनट तक ऐसे ही लगा रहने दें फिर गीले कपड़े से साफ कर लें। इसके बाद एक बाउल में एक चम्मच खाने वाला सोडा और सफेद टूथपेस्ट मिलाएं और इसे लगा लें। सूखने के बाद धो लें। काफी फर्क नजर आएगा। इसके बाद मॉइश्चराइजर लगा लें।
2. कालेपन की समस्या को दूर करने में कच्चा आलू काफी मददगार है। एक बॉउल में कच्चे आलू को कद्दूकस कर लें, फिर उसमें दही मिलाकर गर्दन और कोहनी पर लगाएं और 10 से 15 मिनट तक सूखने दें। इसके बाद साफ पानी से धो लें।
3. टैनिंग हटाने में टमाटर बहुत उपयोगी है। टमाटर को अच्छे से मिक्सर में पीसकर गर्दन और कोहनी पर लगाएं। 20 मिनट बाद धो लें। ऐसा कम से कम सप्ताह में तीन बार करने से काफी कालापन कम हो जाएगा।
4. एलोवेरा जेल स्किन की कई समस्याओं से निजात दिलाने में कारगर होता है। कालेपन की समस्या को दूर करने के लिए एक कप गर्म पानी में एक चम्मच एलोवेरा जेल मिलाएं। इसके बाद इसे गर्दन, कोहनी, घुटनों या जहां भी कालापन नजर आए, वहां कॉटन की मदद से लगाएं। 20 मिनट बाद गुनगुने पानी से अच्छी तरह धो लें।


धनिया पुदीना की चटनी और अदरक की चाय के साथ ट्राई कीजिए मटर के चीले, सुबह हो या शाम करते रहेंगे यम यम
रायपुर। मटर का चीला ट्राई कीजिए नाश्ते में, सुबह हो या शाम मज़ा ही आ जाएगा। इसे धनिया पुदीना चटनी और अदरक की चाय के साथ परोस सकते हैं।
सामग्री :
1 कप हरे मटर , उबाल ले
2 बड़े चमच्च बेसन
2 बड़े चमच्च चावल का आटा
2 बड़े चमच्च पनीर , कस ले
1 बड़ा चमच्च क्रीम
1 छोटा चमच्च अदरक , कस ले
1/2 छोटा चमच्च कुकिंग सोडा
1/2 छोटा चमच्च लाल मिर्च पाउडर
1/2 छोटा चमच्च जीरा पाउडर
1/2 छोटा चमच्च नमक
2 छोटे चमच्च तेल , प्रयोग अनुसार
विधि :
-मटर का चीला बनाने के लिए सबसे पहले मटर को उबाल ले। इसे एक मिक्सर ग्राइंडर में थोड़े पानी के साथ डाले और पेस्ट बना ले। इस पेस्ट को एक बाउल में बाकी सारी सामग्री के साथ डाले। तेल न डाले।
-अच्छी तरह से इस घोल को मिला लें।
-अब एक नॉन स्टिक पैन को गरम करें। इसमें थोड़ा तेल डालें। तेल के गरम होने के बाद, पेपर नैपकिन से हटा लें।
-अब पैन के बिच में थोड़ा मटर का घोल डालें। अब इसे बिच में से एक चमच्च की मदद से गोल आकार में पैनकेक जैसे फैला दें।

रायपुर। मूली के पत्तों के भी कई फायदे होते हैं, जिन्हें हम अक्सर फेंक देते हैं। मूली के पत्तों में मूली से भी ज्यादा पोषण पाया जाता है। इन पत्तों में विटामिन- ए, बी व सी के अलावा फास्फोरस, आयरन, क्लोरीन, सोडियम और मैग्नीशियम के अलावा भी कई अन्य पोषक तत्व मौजूद होते हैं और ये सभी पेट के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। साथ ही ये मूत्र विकारों में भी बेहद लाभकारी होते हैं। मूल्ली के पत्तों की आप सब्जी बनाकर खा सकते हैं। इससे शरीर को कई फायदे मिल सकते हैं।

रायपुर। बालासन करने के शरीर के अंदरूनी अंगों में लचीलापन आता है। यह आसान शरीर से तनाव को दूर करता है। यह श्वास को सामान्य कर तन व मन को शान्त करता है। साथ ही इस आसन का लगातार अभ्यास अच्छी नींद लाने में सहायक है। जिस तरह छोटे बच्चे अपने घुटने पर चलते हैं। इस आसन को करने पर आप इसी पोजीशन में होते हैं। यह आसन बिल्कुल वैसे ही किया जता है। बालासन आसन को करते हुए आपके पेट के निचले हिस्से में दबाव बनता है, जिससे पेट फूलने की समस्या कम होती है। इस आसन को जितनी देर कर सकते हैं, उतनी देर करें। इसके अलावा इस आसन की मदद से दर्द, अवसाद और तनाव से भी राहत मिलती है।

रायपुर। कई बार दाद की समस्या हो जाती है। दाद जो त्वचा की ऊपरी परत पर होता हैं। दाद एक संक्रामक फंगल संक्रमण होता है, जो फफूंदी जैसे परजीवी के कारण होता है। यह परजीवी आपकी बाहरी त्वचा की कोशिकाओं में पनपता है और कई तरीकों से फैल सकता है।
दाद होने के कारण :
एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलना - दाद संक्रमित व्यक्ति की त्वचा से किसी स्वस्थ व्यक्ति की त्वचा का संपर्क में आने पर यह रोग फैल सकता है।
जानवर से मानव में फैलाव - दाद से ग्रसित जानवर को स्पर्श करने से भी दाद का संक्रमण मनुष्य के शरीर फैल सकता है। जैसे घर के पालतू संक्रमित कुत्ते या बिल्ली को लाड़ प्यार करना। दाद का संक्रमण गायों में भी काफी सामान्य होता है।
वस्तु से मानव में फैलाव - मानव या जानवर से किसी संक्रमित वस्तु को छूने से भी दाद का संक्रमण उनमें फैल सकता है। संक्रमित वस्तुएं जैसे कि कंघी, ब्रश, कपड़े, तौलिया, बिस्तर और चादर।

रायपुर। सर्दियों में डैंड्रफ एक ऐसा हेयर प्रॉब्लम है, जिसके साथ कोई भी नहीं रहना चाहता। इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि सर्दी के सीजन में ठंडी और ड्राई हवा चल रही होती है, जो स्कैल्प में मौजूद नमी को छीन लेता है। साथ ही इस दौरान वातावरण में मालास्सेजिआ नाम का फंगस भी अधिक होता है, जिस वजह से बालों में रूसी की समस्या होती है। जब ये ड्राई और ठंडी हवा बालों तक पहुंचती है तो हमारा स्कैल्प जहां से बालों की जड़ें शुरू होती हैं ड्राई और पपड़ीदार हो जाता है और उसमें खुजली होने लगती है।
इन वजहों से भी डैंड्रफ होता है :
- अगर आपके स्कैल्प की स्किन बहुत ज्यादा ऑइली है तो मालास्सेजिआफंगस का ग्रोथ अधिक होगा और डैंड्रफ की समस्या बढ़ेगी।
- टीनएज में अगर आपके शरीर में बहुत ज्यादा हॉर्मोनल बदलाव होते हैं तो इससे भी स्किन ऑइली हो जाती है और डैंड्रफ या रूसी की समस्या बढ़ सकती है।
- कुछ लोगों में ड्राई स्कैल्प की समस्या होती है। उनमें भी डैंड्रफ अधिक होता है।
- अगर आपका स्कैल्प हद से ज्यादा सेंसेटिव है तो हेयर प्रॉडक्ट्स और स्टाइलिंग प्रॉडक्ट्स यूज करने की वजह से भी स्कैल्प में ड्राइनेस हो जाता है और डैंड्रफ की समस्या बढ़ सकती है।

रायपुर। सादी पूरी तो बनाते ही होंगे क्यां ना पूरी को थोड़ा अलग टेस्ट के साथ ट्राई कर के देखा जाए। तो बना के देखिए चुकंदर की पूरी। इसमें नेचुरल नाइट्रेट्स होते हैं, जिससे दिमाग में ब्लड फ्लो बूस्ट होता है।
समाग्री :
1 1/2 कप गेहूं का आटा
1 कप चुकंदर का रस
1/4 चम्मच अजवाइन
नमक स्वादानुसार
तलने के लिए घी
विधि :
आटे में नमक और अजवाइन डाल कर मिक्स करें।
चुकंदर का रस डालते हुए आटा गूथ ले जरूरत हो तो थोड़ा पानी डाल ले।
2 मिनट ढक कर रख दें।
आटे की लोई बना लें।
कढ़ाई में घी गरम करें और पूरी बेल कर तल लें।
गरमा गरम मनपसंद सब्जी के साथ सर्व करें।