पुरखा के सुरता कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री,नवा रायपुर में डॉ. खूबचंद बघेल की आदमकद मूर्ति लगाने की घोषणा
/ राजनीतिछत्तीसगढ़
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि डॉ. खूबचंद बघेल न सिर्फ छत्तीसगढ़ के स्वप्न दृष्टा थे बल्कि छत्तीसगढ़ के स्वाभिमान के प्रतीक थे। वे चाहते थे कि छत्तीसगढिया स्वाभिमान से जीये, स्वावलंबी हो और जीवन के सभी क्षेत्रों में भी उनका विकास हो। डॉ. खूबचंद बघेल छत्तीसगढ की अस्मिता और सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जीवन भर संघर्ष किया। वे छत्तीसगढ़ी संस्कृति को बढ़ावा देने के प्रबल पक्षधर रहे हैं। मुख्यमंत्री बघेल सोमवार को डॉ. खूबचंद बघेल की 52वीं पुण्यतिथि पर ग्राम पथरी (धरसींवा) में पुरखा के सुरता कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. खूबचंद बघेल ने शिक्षा, सहकारिता के क्षेत्र सहित सामाजिक आंदोलनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे छत्तीसगढ़ के स्वपनदृष्टा थे। उन्होंने 1967 में छत्तीसगढ भ्रातृ संघ का गठन किया था। उन्होंने पृथक छत्तीसगढ़ राज्य बनाने की मांग रखी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार डॉ. बघेल के सपनों को पूरा करने का काम कर रही है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए राज्य सरकार की ओर सेअनेक योजनाएं संचालित की जा रही है। गोधन के सरंक्षण और संवर्धन के लिए गौठान को माध्यम बनाया गया है। मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने ग्राम पथरी में डॉ. खूबचंद बघेल की पुण्यतिथि पर उनकी प्रतिमा पर श्रद्धा-सुमन अर्पित किए। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर ग्राम पथरी की सड़कों को टू-लेन बनाने और नवा रायपुर के मुख्य चौक में डॉ. बघेल की आदमकद मूर्ति स्थापित करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के वंशजों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में उन्होंने कृषि के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले कृषकों को उत्कृष्ट कृषक सम्मान से भी नवाजा। कार्यक्रम में स्थानीय विधायक अनिता योगेंद्र शर्मा ने क्षेत्र की समस्याओं के बारे में अवगत कराया।