भाजपा के लोग गांधी, सुभाष पटेल को अपनाना तो चाहते है लेकिन सावरकर और गोडसे को छोड़ना नहीं : भूपेश बघेल
/ राजनीतिछत्तीसगढ़
रायपुर। महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 125वीं जयंती वर्ष पर राजीव भवन में जयंती समारोह का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में प्रोफेसर सौरभ बाजपेयी ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जीवनी पर मुख्य वक्तव्य दिया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नेताजी के विचारों पर बात की। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा के लोग आज गांधी, सुभाष, पटेल को अपनाना चाहते है लेकिन सावरकर और गोडसे को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। अगर भाजपा वाकई में गांधी, सुभाष, पटेल के विचारों को मानती है। उनके आदर्शों पर चलना चाहती है तो पहले गोडसे मुदार्बाद बोले, सावरकर का साथ छोड़े देश की आजादी का इतिहास भाजपाई जान लें।
उन्होंने कहा कि हमें इतिहास को नहीं भूलना चाहिए। इतिहास के पन्नों को खंगालना जरूरी है। हमने विधानसभा में भाजपा विधायकों से पूछा था कि गोडसे का मुदार्बाद कब बोलेंगे? भाजपा के लोग गोडसे मुदार्बाद नहीं बोल पाए। जहां तक है सुभाष चंद्र बोस का कांग्रेस छोड़ने की, तो कांग्रेस के संविधान में अहिंसा की बात लिखी है जबकि सुभाष बाबू ने अस्त्र उठाने की बात कर आजाद हिंद फौज का गठन किया।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि अगर वाकई में भाजपा के लोग गांधी को मानते हैं तो सबसे पहले उन्हें गोडसे मुदार्बाद बोलना चाहिए और सावरकर का साथ छोड़ना चाहिए, उसके बाद गांधी और सुभाष की जय बोले।