खनिज विभाग ने एनसीएल के सीईओ को लिखा पत्र,भविष्य की योजना तय कर जानकारी देने के निर्देश
/ राजनीतिछत्तीसगढ़
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बैलाडीला लौह अयस्क खदान डिपाजिट-13 के संचालन के संबंध में स्थानीय लोगों की ओर से किए जा रहे विरोध को ध्यान में रखते हुए खनिज विभाग को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में खनिज साधन विभाग ने बैलाडीला लौह अयस्क खदान के सुचारू रूप से संचालन के संबंध में (दंतेवाड़ा स्थित फारेस्ट डिवीजन बैलाडीला फारेस्ट रेंज में स्थित लौह अयस्क डिपाजिट-13) एनएमडीसी-सीएमडीसी लिमिटेड (मेसर्स एनसीएल) के मुख्यकार्यपालन अधिकारी को इस प्रकरण को एनसीएल के संचालक मंडल के समक्ष रखने और संचालक मंडल की ओर से लिए गए निर्णय की जानकारी से राज्य सरकार अवगत कराने को कहा है। गौरतलब है कि दंतेवाड़ा स्थित फारेस्ट डिवीजन बैलाडीला फारेस्ट रेंज में स्थित लौह अयस्क डिपाजिट-13 के खनि पट्टा निष्पादन की तिथि से दो वर्ष की अवधि के भीतर कार्य प्रारंभ नहीं होने के कारण खनिज रियायत नियम 2016 के नियम 20(3) के तहत व्यपगत की श्रेणी में आ चुका है। बिना अनुमति खदान इलाकों में पेड़ों की कटाई के कारण एनसीएल के सीईओ के विरुद्ध वन विभाग की ओर सेृ वन्य प्राणी अधिनियम के तहत मामला भी दर्ज हो चुका है। कलेक्टर दंतेवाड़ा द्वारा भी एनएमडीसी द्वारा वन स्वीकृति के लिए कराए गए ग्राम सभा को शून्य घोषित किया जा चुका है।
एनसीएल की ओर से बैलाडीला लौह अयस्क निक्षेप क्रमांक 13 का विकास माइन डेवलपर कम आपरेटर (एमडीओ) के माध्यम से करने के लिए 20 सितंबर 2018 को लेटर ऑफ इंटेंट (एलओआई) जारी किया गया। बैलाडीला लौह अयस्क निक्षेप कमांक-13 के आस पास के ग्रामीण लगातार बैलाडीला लौह अयस्क निक्षेप क्रमांक-13 में प्रस्तावित लौह अयस्क खनन का विरोध कर रहे हैं। बैलाडीला लौह अयस्क निक्षेप कमांक-13 राज्य शासन के लिए महत्वपूर्ण परियोजना है। इसके संचालन के लिए त्वरित कार्यवाही नहीं होने से राज्य शासन को बहुत बड़ी राजस्व की हानि हो रही है। राज्य के अंतर्गत स्थापित उद्योगों को लौह अयस्क की कमी से जूझना पड़ रहा है।