बृजमोहन ने कहा- कांग्रेस सरकार, वन विभाग अपनी-अपनी नाकामी को छुपाने के लिए रोज नई-नई कहानी गढ़ रहे है
/ राजनीतिछत्तीसगढ़
रायपुर। विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने प्रदेश के वनमंत्री मो.अकबर के बयान पर पलटवार किया है। बृजमोहन ने कहा कि कांग्रेस पार्टी, सरकार, विभाग अपनी-अपनी नाकामी को छुपाने के लिए रोज नई-नई कहानी गढ़ रहे है। उन्होंने वन मंत्री को इस मुद्दे पर कहा कि अगर सरकार आदिवासियों के बीमा, बोनस, लाभांश, छात्रवृत्ति के मामले में सही है तो मीडिया व जनता के सामने श्वेतपत्र जारी कर दस्तावेज क्यों प्रस्तुत नहीं करती। बृजमोहन ने वन मंत्री से प्रश्न किया कि बीमा की नवीनीकरण की अंतिम तिथि क्या 31 मई 2019 थी। क्या 31 मई 2019 अंतिम तिथि को राज्य सरकार ने बीमा का नवीनीकरण करा लिया था। क्या दो सत्र का आदिवासियों का बोनस व लाभांश का पैसा बैंक में जमा कर ब्याज कमाया जा रहा है। क्या तेंदूपत्ता संग्राहक आदिवासी परिवार को दो सीजन का बोनस 597 करोड़ दे दिया है, नही तो क्यों? क्या आदिवासियों की सहकारी समितियों को लाभांश का 432 करोड़ वितरित कर दिया है, नहीं तो क्यों? क्या तेंदूपत्ता संग्राहक आदिवासियों के बच्चों को 2 सत्र की छात्रवृत्ति दे दी गई है, नहीं तो क्यों? बीमा योजना बंद करने से पहले दूसरी योजना लाई गई थी। बीमा योजना के बंद होने से व दूसरी योजना चालू नहीं कर पाने के कारण इस बीच जो हजारों संग्राहक प्रभावित परिवार हैं उसे कैसे व किस मद से सहायता करेंगे?
बृजमोहन ने कहा कि आखिर इन सब विषयों पर वन मंत्री चुप क्यों हैं? क्यों नहीं इस सब विषयों पर दस्तावेज सामने रखते। सिर्फ बयानबाजी कर अपनी गलतियों पर पर्दा नहीं डाल सकते। अगर सरकार आज ही तेंदूपत्ता संग्राहकों के बीमा, बोनस, लाभांश छात्रवृत्ति के मामले व पूर्व बीमा व योजना व ये जो श्रम विभाग की योजना की बात कर रहे हैं। उनकी राशि सहित सभी अंतर को बताते हुए तत्काल श्वेत पत्र जनता के सामने जारी करे। दूध का दूध व पानी का पानी प्रदेश की जनता के सामने आ जायेगा। सरकार की लापरवाही से ही बीमा बंद हुआ है। सरकार को तो इस लापरवाही की जांच करवाकर दोषी सभी लोगो को दंडित करना चाहिए, जिन्होंने आदिवासी परिवारों के साथ अन्याय किया है।