कुछ अराजक तत्व घुस आए किसान आंदोलन में और किसी को पता भी नहीं चला, जब उपद्रव हुआ तब कैसे पता चला?
/ भिन्न छत्तीसगढ़
दिल्ली/रायपुर। किसान आंदोलन में गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा और तोड़फोड़ के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि कुछ अराजक तत्व आंदोलन में घुस आए। किसान नेताओं ने यह भी कहा इससे आंदोलन को नुकसान होगा और सबसे महत्वपूर्ण बात अब वे हिंसा और उपद्रव की निंदा कर रहे हैं जब सब कुछ शांत हो गया। हैरानी की बात है कि 60 दिनों से चल रहे आंदोलन में आंदोलन में अचानक अराजक तत्व है घुस आए और किसी को कुछ पता ही नहीं चला। अराजक तत्व ऐसे जो ट्रैक्टर चलाकर पुलिस को कुचलने की कोशिश करते रहे। अराजक तत्व ऐसे हैं जो बसों में ट्रकों में तोड़फोड़ करते रहे। अराजक तत्व ऐसे जो पुलिस पर पथराव करते रहे और हैरानी की बात यह है कि ऐसे अराजक तत्वों को कोई किसान नेता नही पहचानता और ना ही आंदोलनकारी।
बस इतना कह गए कि कुछ अराजक तत्व आंदोलन में घुस आये है। 2 माह से चल रहे इतने बड़े बड़े आंदोलन में क्या अराजक तत्वों का घुस आना इतना आसान होता है? क्या नए और अराजक तत्वों को 2 माह से आंदोलन कर रहे किसान पहचान तक नही पाये? अराजक तत्वों का अचानक आंदोलन में घुस आना इतना मासूम बयान है कि उस पर विश्वास करने को कम हंसने को ज्यादा दिल करता है। आखिर यह कैसा नेतृत्व था कि उनके आंदोलन में अराजक तत्व घुस आए उपद्रव करके चले भी गए खुलेआम तलवार लहराते रहे देश को तनाव में डाल दिया एक अनजाने खतरे में डाल दिया एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया और उन्हें पता ही नही चला। उसके बाद उस हादसे की निंदा करना और यह कह देना कि कुछ अराजक तत्व आंदोलन में घुस आए। कहीं से भी लगता है इस मामले में किसान नेताओं को अपनी भूमिका स्पष्ट करना ही होगा। खासकर तब जब पुलिस पहले ही इस बात के संकेत दे चुकी थी कि किसान आंदोलन की आड़ में उपद्रव हो सकता है।