व्यापारी और अधिक इंतजार नहीं कर सकते, केन्द्र सरकार तुरंत करें आर्थिक पैकेज की घोषणा : अमर पारवानी
/ भिन्न छत्तीसगढ़
रायपुर। कनफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स के प्रदेश अध्यक्ष अमर परवानी ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन के समक्ष कॉन्फेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने देश भर के व्यापारिक समुदाय के लिए एक आर्थिक पैकेज की मांग मजबूती से उठाई है। अब देश के व्यापारी और अधिक इंतजार नहीं कर सकते और अब वह समय आ गया है, जब सरकार को व्यापारियों के लिए एक आर्थिक पैकेज की घोषणा तुरंत करनी चाहिए। देश भर में व्यापारी वर्ग ही ऐसा है जो कोरोना से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। सरकार ने अर्थव्यवस्था के अन्य वर्गों के लिए कई पैकेजों की घोषणा की है, लेकिन व्यापारिक समुदाय जिसे अक्सर भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी कहा जाता है, उसकी हालत बेहद पतली हो गई है।
पारवानी ने कहा कि अगर व्यापारियों को पर्याप्त पैकेज नहीं दिया जाता है, तो देश में घरेलू व्यापार काफी हद तक ध्वस्त हो सकता है। देश में कृषि के बाद खुदरा व्यापार सबसे बड़ा रोजगार प्रदाता है, इस क्षेत्र को राहत प्रदान करना बहुत आवश्यक है। व्यापारियों की सभी आशाएं और आंखें अब उत्सुकता से वित्त मंत्री पर टिकी हैं। कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की कैट टीम ने कुछ दिनों पहले प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉक्टर रमन सिंह के साथ वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से केंद्र में छतीसगढ़ की मांग को उठाने के लिए विस्तृत चर्चा भी की। डॉ.रमन सिंह ने कहा था कि व्यापारियों की समस्त मांगे मंत्रालय के सामने रखेंगे और इसका सकारात्मक जवाब भी प्राप्त हुआ था। पारवानी ने कहा है कि जब देश में अकाल पड़ता है, तब हमेशा सरकार ने किसानों को पैकेज दिया है। कोरोना देश भर के व्यापारियों के लिए एक अकाल ही है। सरकार को व्यापारियों के लिए एक आर्थिक पैकेज तुरंत देना चाहिए। इसी तारतम्य में प्रदेश के वाणिज्य एवं स्वास्थ मंत्री टीएस सिंहदेव के साथ भी वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से बहुत सकारात्मक चर्चा हुई थी। राज्य से उठे मामलें के लिए मांग रखी गई थी। इस पर टीएस सिंहदेव ने व्यापारियों एवं लघु उद्दमियों के हितार्थ कदम उठाने की बात की थी।
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन से ट्वीट भेजकर आग्रह किया है कि यह संतोष की बात है कि कोरोना महामारी के इस विकट समय में देश भर के लगभग 45 लाख व्यापारियों ने आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति श्रृंखला को प्रभावी ढंग से बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पूरे देश में किसी भी सामग्री की कोई कमी कहीं नहीं हुई। व्यापारियों ने अपने जीवन को जोखिम में डाला और भारत के नागरिकों की सेवा की है। उन्होंने कहा कि अगर व्यापारियों को कोई पैकेज नहीं दिया जाता है, तो भारत में खुदरा व्यापार व्यवसाय अपने सबसे बुरे दिन देखेगा और बड़ी संभावनाएं इस बात की हैं कि देशभर में बड़ी संख्या में व्यापारी खुद को दिवालिया घोषित करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। व्यापारियों को उम्मीद थी कि सरकार की ओर से 14 अप्रैल के आस-पास व्यापारियों को एक पैकेज दिया जाएगा, लेकिन लगभग 14 और दिन बीत चुके हैं और अब तक पैकेज के बारे में कोई शब्द नहीं है। यह व्यापारियों को चिंतित कर रहा है और व्यापारी अपने भविष्य को लेकर बेहद आशंकित है।