सतबती साहू मितानिन ने पहले बच्चों को नाव बैठाया,फिर खुद ही नाव खेते हुए पहुंची टीकाकरण केंद्र,हो रही प्रशंसा
/ भिन्न छत्तीसगढ़
धमतरी। गांव के बच्चों को टीका लगाने की जवाबदारी समझते हुए मितानिन उन्हें नाव में बैठकर खुद ही नाव खेते हुए टीकाकरण केंद्र पहुंच गई। मितानिन के इस कार्य की प्रशंसा की जा रही। वहीं उसकी जवाबदारी जिम्मेदारी को भी सलाम किया जा रहा है। ज्ञात हो कि धमतरी जिले में पहले से बहुत कुछ बदलाव हुये है, मगर आज भी जिले के बहुत से ऐसे इलाके है जो सुविधाओं के मोहताज बने हुए हैं। यही वजह है कि अक्सर ऐसी खबरें सामने आती रहती है,जो लोगों को चौंकाने के लिये मजबूर कर देती है। आज भी एक खबर सामने आई, जो आश्चर्यचकित करने वाली तो है ही वहीं अपने काम के प्रति ईमानदारी भी इससे खूब झलक रही है। मालूम हो कि इन दिनों जापानी बुखार से बचाने राज्य शासन द्वारा टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। जिले में भी यह अभियान चल रहा है। हर क्षेत्र के बच्चों को यह टीका लग जाये, यह प्रयास है। चूंकि जिले में बहुत सी ऐसी जगह है,जिसकी स्थिति परिस्थिति ही कुछ ऐसी है कि वहां के लोगों को शासकीय सुविधाएं मिल जाये तो बड़ी बात है। फिर उसमें टीकाकरण तो एक छोटी ही सुविधा मानी जा सकती है। इसके लिये जागरूकता और जज्बे से ही काम चल सकता है। जिला मुख्यालय से दूर बसे ग्राम पंचायत अरौद डूबान के आश्रित गांव किशनपुरी की मितानिन सतबती साहू ने मगर यह काम कर दिखाया है। जोकि गांव के लोगों को पहले टीकाकरण के फायदे बताई फिर उस गांव के बच्चों को नाव में पानी के रास्ते होते हुए खुद नाव खेते हुये टीकाकरण केंद्र लेकर पहुंची, जहां बच्चों को टीका लगाया गया। मितानिन के इस कार्य की तारीफ चहुंओर हो रही है। जबकि मितानिन का कहना है कि उसे इस बात की चिंता थी कि उसके गांव के बच्चे टीकाकरण से वंचित न रह जाए। इसलिए वह अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए गांव के 11 बच्चे स्वयं नाव को खेते हुए पहुंची और बच्चों को टीका लगवाया।