अरपा नदी को बचाने के लिए हाइकोर्ट में दायर की जनहित याचिका
/ भिन्न छत्तीसगढ़
रायपुर। अरपा नदी के रेत को बचाने के लिए जनहित याचिका हाइकोर्ट में लगाई गई हैै। याचिका में कहा गया है कि भवन निर्माण व अन्य कार्य इसमें रेत की जरूरत होती है। इसकी जगह कृत्रिम रेत के उपयोग की अनुमति देने की बात कही है। इसके जरिए नदी के रेत को संरक्षित रखा जा सकता है। साथ ही अवैध उत्खनन पर भी प्रभावी तरीके से रोक लगाई जा सकती है। अरपा अर्पण महाभियान ने वकील अंकित पांडेय के जरिए हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में अरपा के अस्तित्व को खनिज विभाग और रेत माफियाओं से खतरा की ओर इशारा भी किया है। याचिका में खनिज विभाग के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाया है। याचिका के अनुसार जिस विभाग के जिम्मे अरपा को सुरक्षित और संरक्षित रखने का जिम्मा है वही विभाग के अधिकारी रेत माफियाओं के साथ सौदेबाजी कर अरपा को मिटाने पर तुले हुए हैं। विभागीय सिस्टम पूरी तरह फेल हो गया है। अफसर सब कुछ जानते हुए भी कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं कर रहा है। इसके चलते माफियाओं का दबदबा बढ़ता ही जा रहा है। अवैध उत्खनन के कारण तेजी के साथ अरपा नदी से रेत कम होते जा रही है। प्राकृतिक रेत का इस तरह बेहिसाब दोहन से नदी के लिए बड़ा खतरा उत्पन्न हो गया है। नदी का स्वरूप भी तेजी के साथ बदल रहा है।