प्रदेश में मीसा बंदियों की पेंशन योजना समाप्त, पढ़े पूरी खबर...
/ भिन्न छत्तीसगढ़
रायपुर। राज्य सरकार ने मीसा बंदियों को पेंशन देने वाली योजना को पूरी तरह समाप्त कर दिया है। सत्ता परिवर्तन के बाद जनवरी 2019 से कांग्रेस सरकार ने मीसा बंदियों की पेंशन पर रोक लगा दी थी। पहले कहा गया कि सत्यापन कराया जा रहा है, लेकिन अब नियम ही खत्म कर दिया गया है। 29 जुलाई को सरकार ने इसके लिए अधिसूचना जारी की है। इसमें कहा गया है कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण (मीसा/डीआइआर राजनैतिक या सामाजिक कारणों से निरुद्ध व्यक्ति) सम्मान निधि नियम 2008 को जनवरी 2019 से निरस्त किया जाता है। लोकतंत्र सेनानी संघ ने इसे हाईकोर्ट के आदेश अवमानना करार देते हुए कोर्ट जाने की चेतावनी दी है। बता दें कि भाजपा सरकार ने 2008 में मीसा बंदियों को पेंशन देने का नियम बनाया था। इसके तहत प्रदेश के करीब सवा तीन सौ लोगों को 15 से 25 हजार रुपये मासिक पेंशन दिया जा रहा था।
कौन हैं मीसा बंदी :
मेंटेनेंस ऑफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट (मीसा) 1971 में इंदिरा गांधी सरकार ने बनाया था। इस कानून से सरकार के पास असीमित अधिकार आ गए। 25 जून 1975 को देश में आपातकाल लागू किया गया। इसका विरोध करने वालों को जेल में बंद कर दिया गया था। उन्हें ही मीसा बंदी कहा गया।