कैट ने बीसीसीआई के फैसले को बताया पलायनवादी कदम,स्वीकृति ना देने गृह और विदेश मंत्री को भेजा पत्र
/ भिन्न छत्तीसगढ़
रायपुर। कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के फैसले की कड़ी आलोचना की है। भारत छोड़कर दुबई में आयोजित किए जा रहे आईपीएल मैच में टाइटल स्पॉन्सर के रूप में चीनी कम्पनी वीवो को बनाए रखने के फैसले पर आपत्ति जताई है। बीसीसीआई के इस कदम के खिलाफ कैट ने सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस.जयशंकर को एक पत्र भेजकर,बीसीसीआई को इस आयोजन के लिए कोई स्वीकृति ना देने की मांग की है।
कैट ने शाह को लिखे अपने पत्र में कैट ने कहा है कि बीसीसीआई का यह कदम देश में कोरोना को रोकने के सरकार की नीति और कदमों के खिलाफ होगा। यह बीसीसीआई का एक पलायनवादी कदम है,जो पैसे के प्रति बीसीसीआई की भूख और लालच को दर्शाता है। वो भी ऐसे समय जब भारत और दुनिया भर के देश कोरोना से लड़ाई लड़ रहे हैं। जबकि बीसीसीआई का यह फैसला कोरोना को बढ़ावा देने वाला भी साबित हो सकता है।
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने पत्र में कहा कि जून में भारतीय सीमाओं पर चीन की आक्रामकता ने चीन के खिलाफ भारत के लोगों की भावनाओं को बहुत बढ़ावा दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में केंद्र सरकार लोकल पर वोकल और आत्मनिर्भर भारत के उनके आह्वान को यथार्थ में बदलने के लिए अनेक कदम उठा रही है,ऐसे में बीसीसीआई का निर्णय सरकार की इस नीति के विपरीत ही नहीं बल्कि उसका मजाक भी उड़ाता है। ओलंपिक और विंबलडन जैसे बड़े अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजन कोरोना के कारण रद्द कर दिए गए हैं, जबकि बीसीसीआई भारत में आईपीएल को भारत में आयोजित नहीं कर सकता है। ऐसे में जिद्दी रवैय्या अपनाते हुए उसने दुबई में इस कार्यक्रम को आयोजित करने का निर्णय ले लिया। जो स्पष्ट रूप से आईपीएल से पैसे इकठ्ठा करने की बीसीसीआई की नियत को दशार्ता है। क्या सरकार से भी ऊपर बीसीसीआई है,जो सीधे तौर पर सरकार के कोरोना से संबंधित नियमों को धता बता रहा है। कैट ने कहा है कि दुबई में जनता और भारत सहित विभिन्न देशों से आगंतुकों, खिलाड़ी, मेहमान, सदस्य, कर्मचारी, स्वयंसेवक, साझेदार, ठेकेदार और स्थानीय निवासी के स्वास्थ्य को लेकर एक गंभीर चुनौती होगी। दुबई में आईपीएल आयोजित करने के लिए बीसीसीआई की ओर से पलायन मार्ग को अपनाना सरकार को चकमा देने के अलावा और कुछ नहीं है।