हवाई सेवा शुरू करने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
/ भिन्न छत्तीसगढ़
रायपुर/बिलासपुर। शहर में हवाई सेवा शुरू करने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है। बता दें कि इससे पहले हाईकोर्ट ने असिस्टेंट सालिसिटर जनरल के गोलमोल जवाब पर नाराजगी जताई थी। साथ ही मामले में अब सैन्य अफसरों को तलब करने की चेतावनी भी दी है। बीते दिन इस मामले की सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने बताया कि 5 अक्टूबर को राज्य सरकार ने आपरेशन एरो स्टैंडर्ड के डायरेक्टर को पत्र लिखकर बिलासपुर में टू सी केटगरी एयरपोर्ट को फोर-सी में परिवर्तित करने की अनुमति मांगी है। 12 अक्टूबर को दिल्ली के सिविल एविएशन ने राज्य शासन को पत्र लिखकर बताया कि फोर सी कैटगरी के लाइसेंस के लिए जरूरी दस्तावेज अनिवार्य है। इसके बाद 19 अक्टूबर को सभी पक्षों की बैठक हुई। इसमें फोर सी कैटगरी एयरपोर्ट बनाने को लेकर चर्चा की गई। इसके लिए बहुत सारे निर्माण कार्य व जमीन की जरूरत है।
महाधिवक्ता ने बताया कि वर्तमान में थ्री-सी केटगरी एयरपोर्ट के लिए काम चल रहे हैं। सेना को प्रबंधन के लिए दी गई 78.22 एकड़ जमीन को जिला प्रशासन ने वापस ले लिया है। याचिकाकर्ता कमल दुबे के वकील आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि थ्री-सी कैटगरी एयरपोर्ट शुरू होने के बाद फोर-सी कैटगरी के लिए भी काम शुरू किया जा सकता है। बहस के दौरान हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार व रक्षा मंत्रालय की तरफ से उपस्थित असिस्टेंट सालिसिटर जनरल से पूछा कि आप की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई है। पिछले आदेश के संबंध में उन्होंने बताया कि राज्य शासन ने जो फाइल की है उसकी कापी नहीं मिली है। कॉपी एक दिन पहले ही दे दी गई है। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की। साथ ही चेतावनी दी कि अगली पेशी में सैन्य अधिकारियों को तलब कर पूछताछ की जाएगी। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है।