नवरात्रि पर्व को लेकर कलेक्टर ने की पुजारियों और जिला प्रशासन के अधिकारियों से चर्चा, कन्या भोज पर रोक
/ भिन्न छत्तीसगढ़
अंबिकापुर। कलेक्टर संजीव कुमार झा की अध्यक्षता में कलेक्टोरेट सभाकक्ष में नवरात्रि पर्व के आयोजन के संबंध में विभिन्न मंदिरों के पुजारियों और जिला प्रशासन के अधिकारियों की बैठक हुई। बैठक में कोरोना महामारी के संक्रमण के रोकथाम को दृष्टिगत रखते हुए नवरात्रि के दौरान आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के संबंध में चर्चा कर कई निर्णय लिया गया। दरअसल इस वर्ष कोरोना महामारी की वजह से मंदिरों में बलिपूजा नहीं की जाएगी, मंदिरों में सामूहिक यज्ञ भी नहीं होगा। केवल पुजारी ही यज्ञ करेंगे। मंदिरों में नवरात्रि के अंतिम दिन कन्या भोजन के लिए पुजारियों से चर्चा करने के बाद प्रशासन ने रोक लगा दी। इसके साथ ही किसी प्रकार की सभा, जूलूस या भीड़ बढ़ाने वाले कार्यक्रम पर प्रतिबंध लगा दिया है। बैठक में यह भी निर्णय लिया कि वर्तमान तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग करते हुए मंदिर में देवी की दर्शन ऑनलाइन के माध्यम से कराएं जाएं। इसके लिए फेसबुक के माध्यम से ऑनलाइन आरती एवं देवी दर्शन को बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही सभी मंदिरों में एक रजिस्टर रखा जाएगा जिसमें मंदिर आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु के नाम, पता, मोबाइल नम्बर तथा मंदिर प्रवेश के समय दर्ज किया जाएगा ताकि कोरोना संक्रमण की पहचान के लिए कांटेक्ट टैसिंग आसानी से किया जा सके। वही बैठक में फैसला लिया गया कि नवरात्रि के दौरान मंदिरों में आरती, शंख ध्वनि, घण्टा ध्वनि के साथ ही वाद्ययंत्र बजा सकते हैं। लेकिन मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को टीका लगाना, कलेवा बाधना, प्रसाद वितरण, चरणामृत तथा पंचामृत आदि देने पर प्रतिबंधित किया है। वही जिन मंदिरों के आस-पास खुले जगह है वहां एलईडी टीवी लगाया जाएगा ताकि श्रद्धालु देवी का दर्शन कर सके और मंदिरों में भीड़ एकत्रित न हो।