कैट के अभियान को मिल रहा अच्छा रिस्पॉन्स, भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों ने एक साथ मिलाया हाथ
/ भिन्न छत्तीसगढ़
रायपुर। कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के 10 जून से जारी चीनी सामान के बहिष्कार के राष्ट्रीय अभियान ''भारतीय सामान- हमारा अभिमान'' में किसान, ट्रांसपोर्ट,लघु उद्धयोग, उपभोक्ता आदि वर्ग के लोगों ने समर्थन दिया है। कैट के साथ इस अभियान में जुड़ने वाले महत्वपूर्ण संगठनों में इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन, राष्ट्रीय किसान मंच, कंज्यूमर ऑनलाइन फाउंडेशन, ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन , इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज, एमएसएम ईडेवलपमेंट फोरम,ऑल इंडिया कंज्यूमर प्रोडक्ट डिस्ट्रीब्यूटर्स फेडरेशन, ऑल इंडिया कॉस्मेटिक्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ,नॉर्थ ईस्ट डेवलपमेंट फोरम , वुमन एंटरप्रीनियोर एसोसिएशन ऑफ इंडिया आदि शामिल हैं। इन सभी संगठनों ने संयुक्त रूप से एक मंच के रूप में और अपने स्वयं के क्षेत्रों में चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के राष्ट्रीय अभियान का समर्थन और नेतृत्व करने का निर्णय लिया है। विभिन्न वर्गों के नेताओं ने सर्वसम्मति से कहा है कि चीन को जवाब देने के लिए स्थानीय संसाधनों के विकास को बढ़ावा देने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे।
एक स्वर में इसके प्रति प्रतिबद्दता जाहिर करते हुए सभी ने कहा की चीनी वस्तुओं के बहिष्कार और भारतीय वस्तुओं के उपयोग को हम इसे करने और भारत में यह बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसी क्रम में आगे कैट देश भर में अन्य सामाजिक और धार्मिक संगठनों , बुद्धिजीवियों के समूह आदि को भी इस अभियान से जोड़ेगा । कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों ने चीनी सामान के बहिष्कार के लिए एक साथ हाथ मिलाया है। यह तय किया जा सके कि भारत किसी भी तरह से चीन पर निर्भर न रहे और अपने बल पर ही देश में प्रतिस्पर्धी मूल्य पर गुणवत्ता के सामान के उत्पादन में निर्भर ही सके। देश में पर्याप्त भूमि और कामगार संसाधन और प्रौद्योगिकी बहुतायत में है, जिसका उपयोग देश में भारतीय वस्तुओं के उत्पादन के लिए एक अल्पावधि, मध्यावधि और दीर्घकालिक रणनीतिक नीति के तहत काम किया जाना जरूरी है। कैट इस मुद्दे पर एक ओर व्यापार और उद्योग को प्रेरित करेगा, दूसरी ओर सरकार से भी आवश्यक सहूलियतें प्रदान करने का आग्रह करेगा।